ग्रामीण मजदूरों का अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन
मऊ-बलिया/ 12 जनवरी को ग्रामीण मजदूर यूनियन बलिया की ओर से तहसील मुख्यालय रसड़ा पर धरना-प्रदर्शन किया गया। धरने से पहले दर्जनों महिला और पुरुष मजदूरों ने म
मऊ-बलिया/ 12 जनवरी को ग्रामीण मजदूर यूनियन बलिया की ओर से तहसील मुख्यालय रसड़ा पर धरना-प्रदर्शन किया गया। धरने से पहले दर्जनों महिला और पुरुष मजदूरों ने म
बरेली/ औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति के नाम पर मोदी सरकार ने उससे भी ज्यादा कठोर काले कानून पास किये हैं। ‘भारतीय न्याय संहिता’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संह
हरिद्वार/ हरिद्वार सिडकुल स्थित राजा बिस्कुट के मजदूरों का लम्बा संघर्ष सम्मानजनक समझौते के साथ समाप्त हो गया है। प्रबंधन मजदूरों की ग्रेच्युटी, बोनस सहि
प्रबंधन ने कार्यकारी अध्यक्ष समेत तीन मजदूरों को किया कम्पनी से बाहर
इंपीरियल आटो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड प्लाट नंबर 21/1 कंपनी फरीदाबाद के सेक्टर 5 में स्थित है। यह कंपनी गाड़ी इंजन के लिए पार्ट्स बनाती है। फरीदाबाद के स्तर पर इंपीरियल
बकाया मानदेय के भुगतान सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर क्रमिक अनशन
रुद्रपुर/ दिनांक 23 दिसम्बर 2023 को पंतनगर थाना पुलिस द्वारा इंटरार्क मजदूर संगठन उधमसिंह नगर के महामंत्री सौरभ कुमार को कायराना तरीके से गिरफ्तार कर लिय
अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।
किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं।
आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की
सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है