फासीवाद / साम्प्रदायिकता,
तस्वीर बोलती है
पहचाना इन्हें! ये कोई पुजारी नहीं वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में नयी ड्रेस में तैनात पुलिस वाले हैं। कुछ दिन पहले इसी उ.प्र.
रामराज्य बनाम् लोकतंत्र
राम की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही मोदी सरकार ने रामराज्य की व्यवहार में घोषणा कर दी। वैसे तो देश को हजार साल की कथित गुलामी से कथित मुक्ति मोदी जी ने 2014 में दिला दी थी।
संघ का उर्ध्वपातन
यह एक वैज्ञानिक सच है कि कई पदार्थों को जब ठोस अवस्था में गर्म किया जाता है तो वह सीधे गैस में बदल जाते हैं। भौतिक परिवर्तन की इस प्रक्रिया को उर्ध्वपातन (Sublimation) कह
सुलगते लद्दाख पर मोदी मौन
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह मणिपुर के मुद्दे पर मौन व अकर्मण्यता का परिचय दिया ठीक यही सब अब लद्दाख के मुद्दे पर भी हो रहा है। लद्दाख की जनता सड़कों पर है और प्रसिद्ध साम
भारत में राष्ट्र विरोधी, मानवता विहीन एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 लागू हो गया है -शम्सुल इस्लाम
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से (31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले) धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हुए भारत में आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइ
सांप कहो, या श्रीमान सांप कहो, वह तुम्हें काट डालेगा
कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि वह अगर सांप को श्रीमान सांप कहेंगे तो वह काटेगा नहीं। भला सांप कब से ऐसा करने लगे कि कोई अगर उसके प्रति सम्मान दिखाये या भद्रता-नम्रता का प्रदर्श
रामराज्य : न्यायपालिका और न्यायाधीश
रामराज्य के बारे में हिन्दू फासीवादी बताते हैं कि यह सुशासन और सुराज की व्यवस्था है जिसमें राजा और रंक में कोई भेद नहीं है। यह समग्र राजनीतिक व्यवस्था है जिसमें सामाजिक ज
यह ‘नये भारत’ की असली तस्वीर है
बीते दिनों 8 मार्च को दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में एक तस्वीर रातों रात चर्चा का विषय बन गयी। यहां नमाज के लिए सड़क पर सजदे में झुके युवकों को एक पुलिसकर्मी लात मारकर खदेड़त
राष्ट्रीय
आलेख
अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।
किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं।
आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की
सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है