‘‘अमीर या तो बदमाश होता है, या बदमाश का वारिस’’

यह एक पुरानी लैटिन कहावत है। पुरानी कहावतें जीवन के असली खजाने से निकल कर आती हैं। और ये कहावतें लम्बे समय तक और लम्बी-लम्बी दूरी तक चलती ही इसलिए हैं कि उनमें सच्चाई छुप
यह एक पुरानी लैटिन कहावत है। पुरानी कहावतें जीवन के असली खजाने से निकल कर आती हैं। और ये कहावतें लम्बे समय तक और लम्बी-लम्बी दूरी तक चलती ही इसलिए हैं कि उनमें सच्चाई छुप
आजकल देश के संघी प्रधानमंत्री ‘विकास और विरासत’ की बहुत डींग हांक रहे हैं। फिलहाल ‘विकास’ को छोड़कर ‘विरासत’ की बात करें। ‘विरासत’ से इनका आशय हिंदू धार्मिक परंपराओं, स्थल
शेयर बाजार का एक मुहावरा है- ‘हेजिंग द बेट’। यानी दान को सुरक्षित करना। जब शेयर बाजार के खिलाड़ी चढ़ते शेयरों पर अपना दांव लगाते हैं तो साथ ही यह भी प्रबंध करते हैं कि यदि
बीते दिनों टी वी चैनलों पर देश के सबसे अमीर आदमी मुकेश अम्बानी के लड़के अनंत अम्बानी की प्री वैडिंग (शादी पूर्व) समारोह छाया रहा। बालीवुड सितारे-क्रिकेट खिलाड़ी-बिल गेट्स-ज
दो करोड़ से भी अधिक बार ध्रुव राठी (जो कि एक प्रसिद्ध यू ट्यूबर हैं) के एक वीडियो ‘‘द डिक्टेटर’’ को देखा जा चुका है। ध्रुव राठी वीडियो में जब ये पूछते हैं कि क्या भारत में
जाहिर सी बात है कि मुर्गी चाहे किसी भी रंग की हो उसे सफेद अण्डे ही देने चाहिए। मुर्गी काली हो या सफेद देगी तो सफेद अण्डे ही। यानी राजनेता किसी भी रंग का हो जब करेगा बात त
पिछले साल मणिपुर उच्च न्यायालय के एक फैसले कि मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एस टी) का दर्जा दिया जाये, ने मणिपुर को साम्प्रदायिक-नस्लीय आग में झोंक दिया था। 3 मई 2023 स
चुनावी साल में पहले मण्डल राजनीति के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर को भारत का सर्वोच्च पुरूस्कार भारत रत्न दिया गया और फिर उसके बाद कमण्डल राजनीति के जरिये देश को दंगों की आग में
बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार ने अंततः बहुमत साबित कर दिया। इस फ्लोर टेस्ट में भारतीय राजनीति के पतन की नई इंतहा दिखाई पड़ी। खुलेआम दोनों पक्षों की ओर से ‘खेला’ होने क
जैसे सावन में झड़ी लगती है ठीक वैसे ही चुनावी साल में भारत रत्न की झड़ी लगी है। इस वक्त तक पांच ‘‘महापुरुषों’’ को भारत रत्न दिया जा चुका है। कर्पूरी ठाकुर, लाल कृष्ण आडवाणी
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।