राजनीति

जार्ज सोरोस और संघ-भाजपा

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बीते दिनों भारत की राजनीति में अमेरिकी उद्योगपति जार्ज सोरोस का नाम खूब उछाला गया। संघ-भाजपा ने इस उद्योगपति पर आरोप लगाया कि उसके द्वारा दिये फंड से भारत को अस्थिर करने,

दक्षिण कोरिया : मार्शल ला के जरिये तानाशाही थोपने का असफल प्रयास

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दक्षिण कोरिया में 3 दिसम्बर की शाम राष्ट्रपति यून सोक योल ने अचानक मार्शल ला लगाये जाने की घोषणा कर दी। मार्शल लॉ के तहत सेना ने समस्त प्रशासन अपने हाथ में ले लिया। सेना

दिल तोड़ते छोटे-छोटे नायक

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मोदी और राहुल गांधी जैसे बड़े नायकों के अलावा आज ढेरों छोटे-छोटे नायक भी हैं जो अपने चाहने वालों का दिल तोड़ दे रहे हैं। अभी अवध ओझा नामक नायक ने आम आदमी पार्टी में शामिल ह

पाकिस्तान : इमरान खान की रिहाई के लिए व्यापक प्रदर्शन

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25-26 नवम्बर को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए राजधानी इस्लामाबाद में व्यापक प्रदर्शन हुए। पूरे देश खासकर खैबर पख्तुनबा प्रांत से आये प्रदर्शनक

विचित्र किन्तु सत्य

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भारत दो सौ वर्षों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। गुलामी के खिलाफ भारत की आजादी की लड़ाई में हजारों-हजार लोग शहीद हुए। हजारों-हजार लोगों का जीवन अंग्रेजों की जेलों में अत्याचार

चीन का सॉफ्ट पावर

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पिछले वर्षों में चीन दुनिया की एक बड़ी साम्राज्यवादी शक्ति बन चुका है। यह दुनिया के ऊपर अपना एक दबदबा कायम कर चुका है और इसको और बढ़ाने के लिए यह प्रयासरत है। आज मुख्यतया आ

चीन का सॉफ्ट पावर

पिछले वर्षों में चीन दुनिया की एक बड़ी साम्राज्यवादी शक्ति बन चुका है। यह दुनिया के ऊपर अपना एक दबदबा कायम कर चुका है और इसको और बढ़ाने के लिए यह प्रयासरत है। आज मुख्यतया आ

दक्षिणपंथी इशिबा बने नये जापानी प्रधानमंत्री

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जापान में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने फूमियो किशिदा की जगह शिगेरू इशिबा को पार्टी प्रमुख और नया प्रधानमंत्री चुन लिया है। इशिबा ने 1 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद स

युद्ध के काल में परमाणु हथियार विरोधी संगठन को नोबेल देने की राजनीति

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इस वर्ष का शांति का नोबेल जापान परमाणु निरस्त्रीकरण की वकालत करने वाले संगठन निहोन हिंडाक्यो को दिया गया है। यह संगठन जापान के हिरोशिमा-नागासाकी के परमाणु बम विस्फोट में

खान-पान और वर्ण-जाति व्यवस्था

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हमारा समय ऐसा है कि इसमें बहुत तुच्छ सी बातों को भी गुरू-गंभीर सत्य की तरह पेश किया जाता है और पेश करने वाले उम्मीद करते हैं कि उन्हें अति गंभीरता से लिया जाये। 

आलेख

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अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह

/modi-sarakar-waqf-aur-waqf-adhiniyam

संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

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आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।