फिलिस्तीन के लिए नक्बा (महाविनाश) अभी भी जारी है

फिलिस्तीन के महाविनाश के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। 1948 में फिलिस्तीनियों को उजाड़कर, उनके खेत, मकानों से बेदखल करके और बड़े पैमाने पर हत्यायें करके साम्राज्यवादियों ने साजिश के तहत यहूदी नस्लवादी इजर
फिलिस्तीन के महाविनाश के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। 1948 में फिलिस्तीनियों को उजाड़कर, उनके खेत, मकानों से बेदखल करके और बड़े पैमाने पर हत्यायें करके साम्राज्यवादियों ने साजिश के तहत यहूदी नस्लवादी इजर
ऐसा कम ही होता है कि किसी देश का राजदूत भारत के बम्बईया सिनेमा पर कोई लेख लिखकर स्पष्टीकरण दे। पर भारत में नार्वे के राजदूत को ऐसा करना पड़ा। उन्होंने बाकायदा एक लेख लिखकर यह स्पष्टीकरण दिया कि ‘मिस
फ्रांस की राजधानी पेरिस के 10वें जिले में कुर्द सांस्कृतिक केन्द्र पर 23 दिसम्बर को एक हमलावर ने गोलीबारी कर तीन कुर्दों की हत्या कर दी। यह घटना उस समय हुई जब 10 साल पहले तीन कुर्दिश महिलाओं की याद
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।