राजनीति

खाओ गाली, दो गाली

‘‘खाओ गाली, दो गाली’ भारत की राजनीति का नारा बन गया है। चुनाव के समय मुद्दे गायब हो जाते हैं और जो चीज सबसे आगे रहती है वह अपने विपक्षियों पर चर्चा की गयी गालियां होती है

सिलक्यारा : सुरंग में धकेलने वाले ही मुक्तिदाता बने

सिलक्यारा

सिलक्यारा की सुरंग में फंसे 41 मजदूर काफी जद्दोजहद के बाद सकुशल बचा लिये गये। पूंजीवादी मीडिया ने क्रिकेट विश्व कप के बाद सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के आपरेशन को ही

मोहुआ मोइत्रा : हंगामा क्यूं है बरपा?

तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोहुआ मोइत्रा के बारे में एक भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सूचना और सर्वोच्च न्यायालय के एक वकील जय अनंत देहाद्राई की गवाही के बाद संसद की नैतिकता

भाजपा के राज्यपाल

कहने को राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद होता है और उसका दायित्व होता है कि वह संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करे। राज्य का औपचारिक प्रधान होने के नाते वह इस बात के लिए बाध्य

खेल संस्थानों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न

राजस्थान राइफल एसोसिएशन के कोच द्वारा पिछले कुछ वर्षों में पांच महिला निशानेबाजों के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। महिला खिलाड़ियों ने कोच की शिकायत प

आयुष्मान भारत योजना के पांच वर्ष

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू हुए पांच वर्ष बीत चुके हैं। इस योजना को लागू करते समय दावे किए गये कि इस योजना से देश की सबसे गरीब 40 प्रतिशत आबादी लाभ

‘‘शुक्रिया, दुबारा मत आना !’’

आल इण्डिया द्रविड मुनेत्र कड़गम (ए आई डी एम के) ने ‘शुक्रिया दोबारा मत आना’ कहकर अपना नाता मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा व एनडीए गठबंधन से तोड़ लिया। ए आई डी एम के नेतृत्व द्व

विश्व गुरू बनने के आधुनिक नुस्खे

देश के हिन्दू फासीवादियों की लम्बे समय से तमन्ना रही है कि भारत एक बार फिर विश्व गुरू बन जाये जैसा कि वह उनकी नजर में अतीत में था। अब हिन्दू फासीवादी यह मानने लगे हैं कि

आलेख

अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।

किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं। 

आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
    

मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की

सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है