मजदूर

किर्बी के मजदूरों के जुझारू संघर्ष की आंशिक जीत

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हरिद्वार/ हरिद्वार के सिडकुल में किर्बी के मजदूरों की बीस सालों की तानाशाही के खिलाफ 10 दिन की ऐतिहासिक हड़ताल आंशिक जीत के साथ समाप्त हुई। इस हड़ताल में ल

एंकर (पैनासोनिक) कम्पनी के मजदूर शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर

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हरिद्वार/ दिनांक 29 अप्रैल को सिडकुल (हरिद्वार, उत्तराखंड) में एंकर (पैनासोनिक) कंपनी के मजदूर वेतन वृद्धि और शोषण उत्पीड़न के खिलाफ काम बंद कर सडकों पर उ

भोजनमाताओं से अतिरिक्त काम कराना बंद करो

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उत्तराखण्ड में भोजनमाताएं रोज-ब-रोज कई समस्याओं से जूझ रही हैं। सरकार एक तरफ ईजा-बैणी महोत्सव मना रही है। उज्ज्वला गैस योजना को घर-घर पहुंचाने की बात कर रही है। लेकिन कई

‘युद्धक विमानों के लिए हम पेंशन नहीं छोड़ेंगे’

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बेल्जियम में सरकार एक ओर युद्धक विमानों की खरीद व अन्य सैन्य खर्च बढ़ा रही है वहीं दूसरी ओर मजदूरों-कर्मचारियों पर मितव्ययिता कार्यक्रम थोप रही है। मजदूरों के वेतन और पेंश

औद्योगिक कामगारों में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी

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भारत दुनिया के उन देशों में से है जहां कामगार आबादी में महिलाओं का अनुपात कम है। तब भी, भारत में भी पिछले दशकों में कामगार आबादी में महिलाओं का हिस्सा बढ़ा है। आंगनबाड़ी, आ

अमेरिकी हस्तक्षेप व पेंशन सुधारों के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल

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कैरेबियाई देश पनामा के ढेरों प्रांतों के मजदूर-कर्मचारी-शिक्षक 28 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ये लोग पेंशन सुधारों व अमेरिका द्वारा पनामा में सैन्य अड्डे कायम क

उत्तर प्रदेश में असंगठित मजदूर योजना लेकिन खर्चा शून्य

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अक्सर भाजपा नेता कहते हुए सुनाई देते हैं कि कांग्रेस राज में 1 रुपये किसी योजना के लिए भेजे जाते थे तो जमीन पर 25 पैसे ही पहुंचते थे। यह बात काफी हद तक सच भी थी। लेकिन इस

ग्रेट व्हाइट ग्लोबल कम्पनी के मजदूरों का संघर्ष

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हरिद्वार/ हरिद्वार के निकट लक्सर क्षेत्र में धनपुरा में 2004 से स्थापित ग्रेट व्हाइट ग्लोबल कम्पनी में इलेक्ट्रिक पार्ट्स का काम होता है। यहां 1700 मजदूरों में से 80 प्रतिशत महिलाए

इंपीरियल ऑटो के मजदूरों को श्रम न्यायालय में मिली जीत

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इंपीरियल ऑटो इंडस्ट्रीज 21/1 प्लाट नंबर 1 मथुरा रोड सेक्टर 5 फरीदाबाद में स्थित है। इंपीरियल ऑटो इंडस्ट्रीज के दर्जनों से ज्यादा प्लांट फरीदाबाद व पूरे हरियाणा में स्थित

आलेख

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अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह

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संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

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आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।