उत्तराखंड सरकार के बजट में मजदूरों एवं कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं

मैंने समाचार पत्र में पढ़ा था। मुझे मजदूरों व कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं मिला उत्तराखंड सरकार के बजट में।
    
मजदूरों व कर्मचारियों के साथ जुल्म हो रहे हैं। कोई देखने वाला नहीं है। क्षेत्र के सांसद एवं विधायक बेकार हैं। मजदूरों व कर्मचारियों के मध्य नहीं जाते। चंद लोगों से मिल कर चले जाते हैं।
    
बजट में एक ‘‘मजदूर कल्याण कोष’’ होना चाहिए। जिससे मजदूरों व कर्मचारियों का भला हो सके।
    
13 नवम्बर सन् 2013 से काशीपुर चीनी मिल बन्द पड़ी है।
    
किसी नेता ने उनके भुगतान के लिए कुछ नहीं किया। 75 कर्मचारी भूख व बीमारी के कारण मर गये। बकाया 42 करोड़ रुपए आज तक नहीं मिले। बच्चों की पढ़ाई तथा शादी की परेशानी हो रही है।
    
अगर मजदूर कल्याण कोष होता तब यह काम आ सकता था।       

-वेद प्रकाश विद्यार्थी भैया, प्रदेश अध्यक्ष हिन्द मजदूर सभा

आलेख

मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की

सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के दो वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया है। यह युद्ध लम्बा खिंचता जा रहा है। इस युद्ध के साथ ही दुनिया में और भी युद्ध क्षेत्र बनते जा रहे हैं। इजरायली यहूदी नस्लवादी सत्ता द्वारा गाजापट्टी में फिलिस्तीनियों का नरसंहार जारी है। इस नरसंहार के विरुद्ध फिलिस्तीनियों का प्रतिरोध युद्ध भी तेज से तेजतर होता जा रहा है।

अल सल्वाडोर लातिन अमेरिका का एक छोटा सा देश है। इसके राष्ट्रपति हैं नाइब बुकेली। इनकी खासियत यह है कि ये स्वयं को दुनिया का ‘सबसे अच्छा तानाशाह’ (कूलेस्ट डिक्टेटर) कहते ह

इलेक्टोरल बाण्ड के आंकड़ों से जैसे-जैसे पर्दा हटता जा रहा है वैसे-वैसे पूंजीपति वर्ग और उसकी पाटियों के परस्पर संबंधों का स्वरूप उजागर होता जा रहा है। इसी के साथ विषय के प