टायर फैक्टरी में वेतन समझौते को लेकर कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना

हरिद्वार/ यहां लक्सर क्षेत्र में जे के टायर ग्रुप की टायर फैक्टरी मौजूद है। यहां के मजदूर अपने हकों के लिए संघर्षरत हैं। हर 3 साल में यहां कर्मचारियों का
हरिद्वार/ यहां लक्सर क्षेत्र में जे के टायर ग्रुप की टायर फैक्टरी मौजूद है। यहां के मजदूर अपने हकों के लिए संघर्षरत हैं। हर 3 साल में यहां कर्मचारियों का
काशीपुर/ जिला उधमसिंह नगर में स्थित काशीपुर शहर जहां छोटे-बड़े कई कारखाने और फैक्टरियां हैं। इन्हीं फैक्टरी ग्रुपों में से एक ग्रुप है जिसका नाम के वी एस
भारतीय समाज में आज भी मजदूर-मेहनतकश महिलाओं की स्थिति दोयम दर्जे की बनी हुई है। महिलाओं के संघर्ष के चलते महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए कई कानून बनाने को शासक व
फरीदाबाद/ Elkay कम्पनी हरियाणा के फरीदाबाद शहर में प्लाट नम्बर 141, सेक्टर 24 में स्थित है। यह काफी पुरानी कम्पनी है। इसमें कॉपर की हर साइज की तार बनाने का काम होता है। ह
यह एक ठोस हकीकत है कि दुनिया में कहीं भी मजदूर राज नहीं है। जहां कहीं कम्युनिस्ट नामधारी या मजदूर पार्टियां शासन में हैं भी, वहां भी मजदूर राज नहीं है। यह बात चीन, वियतना
पंतनगर/ दिनांक 13 अप्रैल 2025 को जलियांवाला बाग हत्याकांड व पंतनगर गोलीकांड की याद में ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा से जुड़ी यूनियनों/संगठनों द्वारा रामली
5 अप्रैल को अमेरिका में 50 शहरों में ट्रम्प और मस्क के खिलाफ प्रदर्शन हुए। ये प्रदर्शन जहां एक तरफ ट्रम्प द्वारा दुबारा राष्ट्रपति बनने के बाद जनता पर विभिन्न तरीकों से ब
पंतनगर/ दिनांक 12 मार्च 2025 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के न्यायधीश रविन्द्र मैथानी की पीठ द्वारा पंतनगर विश्वविद्यालय में पिछले 15-20 वर्षों से
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।