
विरोध में कई संगठनों द्वारा ज्ञापन
उत्तराखंड के नैनीताल में एक 65 वर्षीय मुस्लिम पर एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन जैसे ही हिंदूवादी संगठनों को आरोपी के मुस्लिम होने का पता चला वे अपना सांप्रदायिक खेल खेलने सड़कों पर आ गए।
हिंदूवादी संगठन के लोगों ने न सिर्फ मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों में तोड़फोड़ की बल्कि मस्जिद में भी पत्थरबाजी की। हिंदूवादी संगठनों द्वारा आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की गई। कुछ ही समय में इन्होंने आस-पास के इलाकों में सांप्रदायिक वैमनस्य का माहौल बना दिया।
एक नाबालिग से दुष्कर्म करने की घटना बहुत ही शर्मनाक है। जिस किसी ने भी यह किया है उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए। लेकिन हिंदूवादी संगठनों द्वारा इस मामले को सांप्रदायिक उन्माद में बदल देना और आम मुस्लिमों की दुकानों पर हमले और उनको बेदखल करने की कोशिश भी उतनी ही शर्मनाक है। क्या आरोपी अगर कोई हिंदू होता तो इनकी प्रतिक्रिया ऐसी ही होती?
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ दुष्कर्म करने में भाजपा आई टी सेल के तीन कार्यकर्ता शामिल थे तो इन तत्वों की प्रतिक्रिया ऐसी नहीं थी। आज वे जमानत पर बाहर हैं। ऐसे ही दलित लड़कियों से यौन हिंसा के आरोपी कुलदीप सेंगर, ओलम्पिक में मेडल जीतने वाली महिला खिलाड़ियों ने जब बृजभूषण सिंह पर आरोप लगाए तो उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसे ही भाजपा के सहयोगी प्रज्वल रवन्ना का भी उदाहरण है। उत्तराखंड की ही बेटी अंकिता भंडारी को भी लोग अभी नहीं भूले हैं। हिंदूवादी संगठनों ने इन लोगों के लिए मौत की सजा की मांग नहीं की और न ही उनकी संपत्ति की जांच और उस पर बुलडोजर चलाने की मांग की।
जाहिर है इनकी पीड़िता के प्रति कोई संवेदना नहीं। इनका गुस्सा फर्जी और उन्माद भड़काने वाला है। यह सांप्रदायिक राजनीति से प्रेरित है।
पीड़िता को न्याय दिलाने व साथ ही साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने में जुटे तत्वों पर कार्यवाही की मांग को लेकर विभिन्न क्रांतिकारी- सामाजिक संगठनों ने उठाया है।
नैनीताल में नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने, महिलाओं व अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दिये जाने व नैनीताल व अन्य स्थानों पर भाजपा समर्थित अराजक तत्वों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने के सम्बन्ध में कौमी एकता मंच ने उप जिलाधिकारी कार्यालय हल्द्वानी में प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि 1 मई को इस घटना के आरोपी 72 वर्षीय मोहम्मद उस्मान को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया गया। परंतु भाजपा व आरएसएस द्वारा समर्थित अराजक तत्वों द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर निकाले गये जुलूस को साम्प्रदायिक रंग देकर, अल्पसंख्यक समुदाय के घरों व दुकानों पर तोड़-फोड़ व मारपीट की गयी। महिलाओं व अल्पसंख्यक समुदाय को मां-बहन की गालियां देकर समाज में भय का वातावरण बनाया गया।
इतना ही नहीं नैनीताल थाने में घुसकर एक अल्पसंख्यक पुलिस अधिकारी पर भी हमला कर दिया गया। ये सब अराजकताएं और हिंसक गतिविधियां पुलिस की मौजूदगी में की गयीं और पुलिस इन अराजक तत्वों से सख्ती से निबटने के अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने की जगह मूक दर्शक बनी रही।
भाजपा, आरएसएस से जुड़े अराजक तत्वों द्वारा नैनीताल से शुरू की गयी अराजकता व हिंसा अब धीरे-धीरे सुनियाजित तरीके से समूचे उत्तराखंड में फैलाने का षडयंत्र किया जा रहा है। जिसके तहत इनके द्वारा जगह-जगह अल्पसंख्यकों की दुकानें बंद कराई जा रही हैं तथा अपने हाथ में कानून लेकर उनकी आई डी चेक करके उन्हें धमकाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, भाकपा माले, भीम आर्मी, एक्टू, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, मानवाधिकार संगठन के प्रतिनिधि शामिल रहे।
इस लोमहर्षक घटना को सांप्रदायिक रंग देते हुये हिंदूवादी संगठनों से जुड़े गुंडा-लम्पट तत्वों ने जिस तरह नैनीताल में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों में तोड़-फोड़ और उनके साथ मारपीट की, पूरे शहर में अराजकता-आतंक का माहौल कायम किया, इस गुंडागर्दी का विरोध करने वाली नैनीताल व्यापार संघ के अध्यक्ष की बेटी शैला नेगी को सोशल मीडिया पर बलात्कार की धमकी दी, थाने में घुसकर एक मुस्लिम पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की की और फिर इस ध्रुवीकरण की घिनौनी राजनीति को पूरे उत्तराखंड के स्तर पर प्रसारित करने की कोशिशें करते हुये हल्द्वानी के कमलवागांजा में मुस्लिम दुकानदारों की दुकाने बंद कराने, रुद्रपुर में उन्हें धमकाकर दुकानों पर अपने नाम का बोर्ड लगाने को कहने, अल्मोड़ा में जबरदस्ती बाजार बंद कराने एवं कैंची धाम में उन्हें व्यापार नहीं करने देने को घोषणा, इत्यादि ने हिंदूवादी संगठनों के चाल-चरित्र को उजागर करने के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।
ऐसे में नाबालिग बलात्कार पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाने हेतु पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने, नैनीताल सहित पूरे प्रदेश में महिलाओं, बच्चियों एवं अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने एवं इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर गुंडागर्दी, अराजकता-आतंक मचाने वाले हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लम्पट तत्वों पर नामजद मुकदमे दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने इत्यादि मांगों के साथ रामनगर एवं रुद्रपुर में ज्ञापन प्रेषित किये गये।
रामनगर में जहां कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक के माध्यम से प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी, आसिफ, समाजवादी लोक मंच के मुनीश कुमार, बी डी नैनवाल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, उबैदुल हक, महिला एकता मंच की सरस्वती व कौशल्या, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिम्वाल एवं किसान संघर्ष समिति के महेश जोशी सहित विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल थे। वहीं, रुद्रपुर में श्रमिक संयुक्त मोर्चा, उधमसिंह नगर के बैनर तले जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह, इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट, सेंटर फार स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस (ब्ैज्न्) से मुकुल, डालफिन मजदूर संगठन से सुनीता, इंटरार्क मजदूर संगठन के सौरभ कुमार, भाकपा (माले) के ललित मटियाली, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) के सुरेंद्र रावत एवं एरा श्रमिक संगठन के उपेंद्र राय इत्यादि के प्रतिनिधि एवं विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। -विशेष संवाददाता