जबसे मुझे काल कोठरी में फेंका गया है- नाजिम हिकमत

पृथ्वी सूर्य के दस चक्कर लगा चुकी है।
अगर आप पृथ्वी से पूछेंगे तो वह कहेगी कि
‘यह इतना कम वक्फा था कि जिक्र करने के लायक भी नहीं’
मगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं कहूंगा
पृथ्वी सूर्य के दस चक्कर लगा चुकी है।
अगर आप पृथ्वी से पूछेंगे तो वह कहेगी कि
‘यह इतना कम वक्फा था कि जिक्र करने के लायक भी नहीं’
मगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं कहूंगा
हाँ, कोरोना के बाद से दिख नहीं रहा है एक लाचार परिवार
जो हर जाड़े में कम्बल और रजाई के लिए आवाज़ लगाता था
नुक्कड़ में पुराने कपड़े सिलने वाला दर्जी महीनों से नजर नहीं आता
(यह कविता मोमिता आलम ने हिन्दू फासीवादी तत्वों द्वारा बनाये गये बुल्ली बाई व सुल्ली डील्स एप के खिलाफ लिखी थी। इन एपों पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डाल उनकी नीलामी की बातें की गयी थीं)
एक तस्वीर अटक गई है
हटती ही नहीं, चिपक गई है
आंखों के कार्निया और रेटिना पर
लटकी हुई है एक निर्वस्त्र कर दी गई स्त्री!
कौन है वह ...?
अखबर बेचती लड़की
अखबार बेच रही है या खबर बेच रही है
यह मैं नहीं जानती
लेकिन मुझे पता है कि वह
रोटी के लिए अपनी आवाज बेच रही है
क्या आपको पता है..?
कि वो आपके खिलाफ,
मनमाने फैसले क्यों ले रहे हैं..?
क्या आपको पता है..?
आपके धरनों, प्रदर्शनों, हड़तालों से भी,
फूल के खिलने का डर है
सो पहले फूल का खिलना बरखास्त,
फिर फूल बरखास्त
हवा के चलने का डर है
सो हवा का चलना बरखास्त,
फिर हवा बरखास्त
यह किताबों को कंठस्थ करने का समय है
क्योंकि किताबों को जलाने का आदेश
कभी भी आ सकता है।
तानाशाह को पता है
भविष्य जलाने के लिए किताबें जलाना जरूरी है..
(प्रिय रवि राय के लिए)
सबसे ताकतवर लोग
सबसे कमजोर लोगों से लड़ रहे हैं
सबसे ताकतवर लोग हंसते-हंसते पागल हो रहे हैं
सबसे कमजोर लोग गठरी बांधे
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।