बेलसोनिका मजदूरों का संघर्ष जारी

गुडगांव/ 3 दिसंबर को बेलसोनिका यूनियन ने 12 अक्टूबर (53 दिनों से) से चल रहे अपने प्रतिरोध धरने पर एक एकजुटता सभा का आयोजन किया। यह एकजुटता सभा अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने की कड़ी के रू
गुडगांव/ 3 दिसंबर को बेलसोनिका यूनियन ने 12 अक्टूबर (53 दिनों से) से चल रहे अपने प्रतिरोध धरने पर एक एकजुटता सभा का आयोजन किया। यह एकजुटता सभा अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने की कड़ी के रू
गुड़गांव/ अपनी मांगों को लेकर बेलसोनिका मजदूरों का प्रतिरोध धरना 12 अक्टूबर से जारी है और अभी भी मजदूरों के हौंसले बुलंद हैं। बेलसोनिका मजदूर लगातार अपनी
इजराइल-फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध के बीच यह खबर आ रही है कि भारत करीब 1 लाख मजदूर इजराइल को भेजेगा। ये मजदूर उन फिलिस्तीनी मजदूरों का स्थान लेंगे जो अब तक इजराइल में काम
12 अक्टूबर से बेलसोनिका यूनियन के बर्खास्त पदाधिकारी और मजदूरों ने लघु सचिवालय, गुड़गांव, हरियाणा में प्रतिरोध धरना शुरू कर दिया है।
रेनाल्ट-निसान आटो कम्पनी के स्पेयर पार्ट्स बनाने वाली जापानी यूनीप्रेस कारपोरेशन के मजदूर बीते 2 माह से संघर्षरत हैं। तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित इस कंपनी ने यून
मनरेगा योजना आज के समय में शासक वर्ग के लिए एक ऐसी हड्डी बन चुकी है जिसे शासक मजबूरी वश ही बनाये हुए है। पूंजीपतियों की मन की बात बहुत बढ़िया से समझने वाले मोदी और भाजपा इ
गुड़गांव/ 23 सितम्बर 2023 को ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार, हरियाणा ने बेलसोनिका यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। इस तरह श्रम विभाग ने हरियाणा में जुझारू संघ
पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने देशी-विदेशी पूंजीपतियों की इच्छा के अनुरूप मजदूरों पर बड़ा हमला बोलते हुए फैक्टरी एक्ट, 1948 में बदलाव कर दिया है। इसके तहत अब राज्य मे
गुड़गांव/ दिनांक 9 सितंबर 2023 को बेलसोनिका यूनियन ने मारुति सुजूकी फैक्टरी मानेसर के गेट नंबर 4 से सुबह 10ः00 बजे जी-20 के सम्मेलन स्थल तक अपना तय कार्यक
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।