एक देश एक चुनाव : फासीवादी परियोजना

मोदी सरकार तेजी से एक देश एक चुनाव की ओर कदम बढ़ा रही है। हाल ही में उसने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश को स्वीकार लिया। अब उम्मीद लगाई जा रही है कि अगल
मोदी सरकार तेजी से एक देश एक चुनाव की ओर कदम बढ़ा रही है। हाल ही में उसने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश को स्वीकार लिया। अब उम्मीद लगाई जा रही है कि अगल
पवन कल्याण आंध्र प्रदेश की चन्द्रबाबू नायडू सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। उनकी पार्टी का नाम है जन सेना। राजनीति में आने से पहले वे तेलगू सिनेमा की एक प्रमुख हस्ती थे। जैस
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश देश के सबसे प्रमुख संवैधानिक पद ही नहीं बल्कि इस बात के द्योतक हैं कि इन पदों पर बैठे लोगों का आचरण ऐसा होगा कि वह देशवासियों
पिछले वर्ष मई माह में शुरू हुआ मैतेई तथा कूकी समुदायों के बीच खूनी संघर्ष आज तक नहीं थम सका। मोदी जी स्वयं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को रुकवाने के नाम पर दोनों द
लोकसभा चुनाव में हुई बुरी गत से संघी मण्डली मानो घबरा गयी है। शीर्ष से लेकर नीचे तक के कारकून इस वक्त बौखलाये नजर आ रहे हैं। वे अपने से दूर होती जा रही जनता को फिर से अपन
पौराणिक कथा में अगिया बेताल एक ऐसा भूत होता है जो मुंह से रह-रह कर आग फेंकता है। वैसे भाजपा-संघ में अगिया बेताल की कभी कमी नहीं रही परंतु जब से हिमंत विस्वा सरमा वर्ष 201
भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर अपने को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा तथा अपने को ‘‘सांस्कृतिक संगठन’’ कहने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच पर्दे
प्रधानमंत्री मोदी के पहले रूस, फिर पोलैंड और आखिर में यूक्रेन की यात्रा में दिए गए बयान मजेदार थे। यह आपको तब बेहद मजेदार लगने लगेंगे जब आप मोदी जी के बयान को भारत-पाकिस्
उ.प्र की योगी सरकार फासीवादी कदमों के मामले में केन्द्र सरकार को कड़ी टक्कर दे रही है। मोदी-शाह से चार कदम आगे बढ़कर योगी सरकार ने सारे जनवादी अधिकारों को खत्म करने की ठान
जुलाई के महीने के साथ ही उत्तर भारत की सड़कों पर एक विभीषिका शुरू होती है। इस विभीषिका को कांवड़ यात्रा कहा जाता है। भगवा कपड़ों में उत्तर भारत के राजमार्गों पर चल रहे ये का
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।