ये डर है तो किस बात का डर है

जब दुनिया में कहीं समाजवादी राज्य नहीं है; जब दुनिया भर में क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आंदोलन टूट-फूट बिखराव का शिकार है; जब मजदूर वर्ग क्रांति अथवा समाजवाद की ओर कोई हल्का सा झुकाव भी नहीं दिखा रहा है, तब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प और भारत में मोदी विपक्षियों पर समाजवाद या नक्सलवाद का आरोप क्यों लगा रहे हैं। समाजवाद, कम्युनिज्म में ऐसा क्या है जो इनका ‘‘भूत’’ पूंजीपति वर्ग को सताता रहता है। इनमें से हर पार्टी को दूसरी पार्टी या हर नेता को दूसरे नेता की हकीकत, जन्म कुण्डली का अच्छे से पता है फिर ये आरोप-प्रत्यारोप क्यों?