फिलिस्तीन जिन्दाबाद !

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में जब दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क ने नाजी अभिवादन किया था तब ही यह बात स्पष्ट हो चुकी थी कि अब ये नये नाज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में जब दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क ने नाजी अभिवादन किया था तब ही यह बात स्पष्ट हो चुकी थी कि अब ये नये नाज
अमेरिका में राष्ट्रपति की शपथ लिए अभी 1 महीना भी नहीं बीता कि लोगों का गुस्सा उन पर फूट पड़ा है। लोग सड़कों पर ट्रम्प के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। वे ट्रम्प द्वारा ट्रांसजेंड
गुरुग्राम/ 31 जनवरी को सैकड़ों श्रमिक सुबह डीसी कार्यालय पर शांतिपूर्वक एकत्र हुए थे। वे मारुति सुजुकी अस्थायी मजदूर संघ की समिति के सदस्यों, श्रम अधिकारि
प्रेम और आस्था के बीच एक फर्क है। प्रेम को मनुष्य जीवित रहते हुए प्राप्त करना चाहता है और ईश्वर को आयु पूरी करने के बाद। ईश्वर पर विश्वास करना एक सामान्य सी बात है, लेकिन
लखनऊ/ देश में जब भी मजदूरों पर संकट आया है तब उन्होंने अपने संघर्ष के बल पर विजय हासिल की है। आज देश की सड़कें सूनी और विपक्ष मौन है। पीड़ित वर्ग अपने काम
केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ मेले का जोर शोर से प्रचार जारी है।
अकसर कनेक्टिविटी की बहुत बात होती रहती है। बड़े-बड़े शहरों को जोड़ने के लिए कभी हाइवे तो कभी एक्सप्रेस वे भी बन रहे हैं। कभी बम्बई से पूना के बीच की दूरी घट रही
बीते दिनों एक-एक कर संघर्षरत छात्र संगठनों पर संघी शासकों ने हमले बोलने का काम किया। दिसम्बर माह में मनुस्मृति जलाने वाले भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के 13 छात्रों को पहले
आंकड़ों की हेरा-फेरी के और बारीक तरीके भी हैं। मसलन सरकर ने ‘मध्यम वर्ग’ के आय कर पर जो छूट की घोषणा की उससे सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान बताया गया। लेकिन उसी समय वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल आय कर में करीब दो लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। इसके दो ही तरीके हो सकते हैं। या तो एक हाथ के बदले दूसरे हाथ से कान पकड़ा जाये यानी ‘मध्यम वर्ग’ से अन्य तरीकों से ज्यादा कर वसूला जाये। या फिर इस कर छूट की भरपाई के लिए इसका बोझ बाकी जनता पर डाला जाये। और पूरी संभावना है कि यही हो।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजापट्टी से फिलिस्तीनी आबादी को उजाड़कर मिश्र और जार्डन में बसाने की योजना बनायी है। ट्रम्प के अनुसार, गाजापट्टी रहने लायक जगह नहीं है
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।