दंगा -गोरख पाण्डेय

(1)
आओ भाई बेचू आओ
आओ भाई अशरफ आओ
मिल-जुल करके छुरा चलाओ

मालिक रोजगार देता है
पेट काटकर छुरा मंगाओ
फिर मालिक की दुआ मनाओ
अपना-अपना धरम बचाओ
मिल-जुल करके छुरा चलाओ
आपस में कटकर मर जाओ
आओ भाई तुम भी आओ
तुम भी आओ तुम भी आओ
छुरा चलाओ धरम बचाओ
आओ भाई आओ आओ ! 

(2)
छुरा भोंककर चिल्लाये-
‘हर-हर शंकर’
छुरा भोंककर चिल्लाये-
‘अल्लाहो-अकबर’
शोर खत्म होने पर
जो कुछ बचा रहा
वह था छुरा
और बहता लोहू...

(3)
इस बार दंगा बहुत बड़ा था
खूब हुई थी
खून की बारिश
अगले साल अच्छी होगी
फसल मतदान की।           (1978)
 

आलेख

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अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह

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संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

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