लखनऊ के शक्ति भवन में बिजली संविदाकर्मियों का प्रदर्शन

लखनऊ/ उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में 5 फरवरी 2024 को शक्ति भवन मुख्यालय, लखनऊ पर प्रदर्शन किया गया। निविदा संविदा कर्मचारियों की मुख्य मांग यही थी कि 3 दिसंबर 2022 के समझौते का क्रियान्वयन किया जाए और मार्च 2023 में हुई हड़ताल के बाद हटाये गये संविदा कर्मचारियों को वापस लिया जाए। ऊर्जा मंत्री द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देश कि सभी उत्पीड़न की कार्यवाहियां वापस ली जाएंगी, का पालन सुनिश्चित करते हुए सभी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जाएं। निविदा संविदा कर्मियों का निष्कासन वापस लिया जाए, नियमित कर्मचारियों का निलंबन वापस लिया जाए। 
    
11 चरणों के ध्यानाकर्षण आंदोलन के बाद पूर्व नोटिस के तहत उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले शक्ति भवन लखनऊ पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे आक्रोशित संविदा कर्मचारी हजारों की संख्या में पहुंचे और शक्ति भवन के प्रांगण में अंदर पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे। संविदा कर्मचारियों की संख्या को देखते हुए प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन के हाथ-पैर फूलने लगे। तब उन्होंने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद खालिद, प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पांडेय व अन्य पदाधिकारियों को बुलाकर संविदा कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा करने के लिए 9 फरवरी 2024 को वार्ता कर लागू करने का आश्वासन दिया और आंदोलन को समाप्त करने का निवेदन किया। 
    
प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद खालिद कहा कि अगर संविदा कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संगठन पुनः आंदोलन करने को बाध्य होगा जिसकी जिम्मेदारी पावर कारपोरेशन की होगी। 
    
वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष हर्षवर्धन व सुरेंद्र वाजपेई मध्यांचल अध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव साथ रहे। हर्षवर्धन ने कहा हम लोग कर्मचारियों के न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कर्मचारी रात-दिन मेहनत करते हैं। उन्हें जरूरी सुरक्षा उपकरण तक मुहैय्या नहीं कराए जाते। जिस कारण आए दिन जलने, खंभे से गिरने, करेंट लगने की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे कर्मचारी घायल होकर अपंग हो रहे हैं। यहां तक कि उनकी मौत तक हो जा रही है। कोई सुनने वाला नही हैं। वे इलाज को दर-दर भटकते हैं। ठेका कंपनियां अथाह शोषण कर मुनाफा कमा रही हैं। कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन तक नसीब नहीं। कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती। उल्टे उनका पी एफ कंपनियां हजम कर जाती हैं। 
    
अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि हम लोगों को छोटी-छोटी मांगों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। मांगें पूरी होने के बजाए हमारा दमन किया जाता है। अधिकारी हमें तंग करते हैं। जब हम शिकायत करते हैं तो हमें काम से निकालने की धमकियां दी जाती हैं। 
    
प्रदेश महामंत्री देवेंद्र पांडे ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोग परेशान हैं। लेकिन शोषण, उत्पीड़न और दमन के खिलाफ हमारा संघर्ष भी लगातार चल रहा है। और ये संघर्ष ही है जो बता रहा है कि हम अभी मैदान से हटे नहीं हैं। हम तब तक हटेंगे भी नहीं जब तक हम अपने मकसद में कामयाब नहीं हो जाते। संघर्ष जारी रखने को हमारा एक-एक साथी जी जान से संगठन के साथ खड़ा है और हर तरह से साथ दे रहा है। इसलिए हमें पूरी उम्मीद है कि एक दिन हम जरूर जीतेंगे।         -लखनऊ संवाददाता

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