राष्ट्रीय

जी-20 सम्मेलन और मजदूर वर्ग

दुनिया भर के शीर्ष पूंजीवादी-साम्राज्यवादी देश 9-10 सितम्बर को जी-20 की बैठक के लिए दिल्ली में इकट्ठा हुए। लुटेरे शासकों की इस बैठक से दुनिया भर के मजदूर वर्ग को अपनी बेह

नई तकनीक और मजदूर वर्ग

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा जोरों पर है। पूंजीपतियों से लेकर चोर तक इस तकनीकी विकास में अपना फायदा तलाश रहे हैं। पूंजीवादी दुनिया में इसे क्रांति की संज्ञा दी जा

हरियाणा प्रदेश के सभी 22 जिलों में लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

5 जुलाई 2023 से हरियाणा प्रदेश के सभी 22 जिलों के लगभग सभी लिपिक अपने-अपने जिला मुख्यालयों में राज्य स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ चुके हैं। यहां हड़ताल लिपिकों ने अचा

कर्नाटक : 12 घण्टे का कार्य दिवस व महिलाओं से रात में काम कराने की छूट

मजदूर वर्ग के शोषण-उत्पीड़न के मामले में कांग्रेस व भाजपा सरकारें एक सी हैं। इस बात को हाल में ही कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अपने एक कदम से साबित कर दिया। फरवरी 2023 में

प्रोटेरियल (हिताची) के मजदूरों का जुझारू संघर्ष के बाद समझौता संपन्न

प्रोटेरिअल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (हिताची), प्लाट नं 94-95, सेक्टर-8, आईएमटी मानेसर के ठेका मज़दूरों का 23 दिन की जुझारू हड़ताल के बाद समझौता सम्पन्न हुआ। 22 जुलाई 2023 को

फ्रीडन वर्ग में ठेका मजदूरों की यूनियन गठित

दो साल के लम्बे संघर्ष के बाद अंततः मोहाली, चंडीगढ़ स्थित फैक्टरी फ्रीडन वर्ग में ठेका मजदूरों ने अपनी यूनियन गठित करने में सफलता हासिल कर ली। उनकी यूनियन ‘‘F n i (कान्ट्र

राजस्थान गिग बिल : मजदूरों की भलाई के नाम पर नौटंकी

बीते दिनों राजस्थान सरकार ने प्लेटफार्म आधारित गिग मजदूरों के कल्याण के नाम पर एक बिल पारित किया। इसे ‘प्लेटफार्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण व वेलफेयर) बिल 2023’ नाम दिय

संगठित क्षेत्र की सभी फैक्टरियों ने रखे ठेके पर श्रमिक

श्रम ब्यूरो के उद्योगों के सालाना सर्वे (SSI) के आंकड़ों के मुताबिक संगठित क्षेत्र की सभी फैक्टरियों ने ठेके पर कर्मचारी रखने शुरू कर दिए हैं। इससे देश में श्रम बल को ठेके

देहरादून में भोजनमाताओं ने भरी हुंकार

देहरादून/ प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, उत्तराखंड नैनीताल के बैनर तले भोजनमाताओं ने राजधानी देहरादून में विशाल प्रदर्शन कर भयंकर शोषण के विरुद्ध अपनी आवाज बु

बेलसोनिका मजदूरों का संघर्ष

अपनी न्यायपूर्ण एवं कानून सम्मत मांगों के साथ लंबे समय से संघर्ष कर रहे बेलसोनिका के मजदूर अंततः प्रबंधन की हठधर्मिता एवं श्रम विभाग व प्रशासन के अधिकारियों के मजदूर विरोधी रुख के कारण हड़ताल पर जान

आलेख

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अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह

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संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

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आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।