
हरिद्वार/ पुष्टि मेटल इंडस्ट्रीज प्रा. लि. कम्पनी सेक्टर-3 सिडकुल, हरिद्वार में स्थित है जो हीरो कम्पनी के लिए पार्ट्स बनाती है। गियर व सीट पाइप आदि पुर्जे तैयार कर शिवम आटो को भेजती है। एक तरह से यह शिवम आटो की वेन्डर कम्पनी है। पुष्टि कम्पनी के मालिक का नाम रंजीत खन्ना है। इस कम्पनी में वर्तमान में लगभग 70 मजदूर कार्यरत हैं। 10 के करीब मजदूर स्थायी हैं बाकी सब ठेकेदारी में काम कर रहे हैं। इन मजदूरों में ज्यादा संख्या महिला मजदूरों की है। इस कम्पनी की कहानी यह है कि मजदूरों की तनख्वाह दो या तीन महीनों में मिलती है और वो मजदूर अपनी तनख्वाह के लिए बार-बार काम बंद करते हैं तब जाकर तनख्वाह मिल पाती है। स्टाफ का मजदूरों के जैसा ही बुरा हाल है। इनकी तनख्वाह भी दो-तीन महीने पर मिलती है।
मजदूरों से बात करने पर पता चला कि अप्रैल, मई और अब जून का महीना आने वाला है अभी तक तनख्वाह नहीं दी गई है। मजदूरों को मकान मालिक, राशन वाले और बच्चों की पढ़ाई की फीस न जमा करने पर बेइज्जती झेलनी पड़ रही है। कम्पनी में किन्हीं भी श्रम कानूनों का पालन नहीं होता है। महिला मजदूर जो मशीन चलाती हैं उनको न्यूनतम वेतन ही मिलता है। 12 घंटे लगातार मशीन पर काम करना पड़ता है। और तब भी 30 दिन के हिसाब से तनख्वाह बनायी जाती है। कानून यह है कि तनख्वाह 26 दिन पर बनेगी और ओवरटाइम डबल मिलना चाहिए। यहां मजदूरों को न ही जूता, न वर्दी मिलती है और ईएसआई और पीएफ 2018 से कम्पनी ने जमा ही नहीं किया है। दिवाली के समय बोनस तो दूर मिठाई तक नहीं मिलती है। जब मजदूर तनख्वाह टाईम से देने की बात करते हैं तो प्रबंधक काम से निकाल देने की बात करते हैं। मैनेजर और ठेकेदार मजदूरों को धमकाने लगते हैं।
एक साल पहले 100 के आस-पास मजदूर काम कर रहे थे लेकिन कम्पनी के इस रवैये के कारण कई लोग काम छोड़कर चले गये या संघर्ष करने वाले मजदूरों को निकाल दिया गया। और हिसाब तो छोड़िये, तनख्वाह तक नहीं दी गई। एक तरह से पुष्टि मेटल के मजदूर बंधुआ मजदूरों की तरह काम कर रहे हैं।
आज देश के किसी भी कोने में चले जायें मजदूरों की यही दशा है। शोषण बढ़ता जा रहा है। मजदूरों के अधिकारों को छीना जा रहा है। मोदी सरकार ने मजदूरों का शोषण और बढ़ाने के लिए मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड बना दिये हैं।
पुष्टि मेटल के मजदूरों के सामने अपने साथ हो रहे शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ एकता बना कर लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
-हरिद्वार संवाददाता