राष्ट्रीय
बेलसोनिका के मजदूरों का संघर्ष लगातार जारी

गुड़गांव, आईएमटी मानेसर/ बेलसोनिका प्रबंधन के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर बेलसोनिका यूनियन का संघर्ष लगातार जारी है। बेलसोनिका मजदूर दिनांक 4 मई 2023 से कंपनी गेट के बाहर बेलसोनिका यू
बकाया वेतन भुगतान हेतु बिजली संविदाकर्मियों का धरना

कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन के कर्मचारियों का 15 दिन लंबा धरना चला था। इस धरने में इंजीनियर से लेकर मजदूर तक सब शामिल थे। इसमें स्थायी कर्मचारी से लेकर संविदा/निविदा पर काम करने वाले क
यूनियन चुनाव में पुराने नेता चुन मजदूरों का प्रबंधन को मुंहतोड़ जवाब

रुद्रपुर/ विगत 15 दिसंबर 2022 को जिला प्रशासन व श्रम विभाग की मध्यस्थता में इंटरार्क कंपनी प्रबंधन एवं यूनियन के मध्य लिखित समझौता संपन्न हुआ। और इंटरार्क की सिडकुल पंतनगर एवं किच्
बेलसोनिका मजदूरों का संघर्ष जारी

गुड़गांव/ बेलसोनिका प्रबंधन ने दिनांक 21 अप्रैल 2023 को 11 और मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बेलसोनिका प्रबंधन फर्जी दस्तावेजों के नाम पर अब तक 17 मजदूरों को नौकरी से बर्ख
तमिलनाडु : 12 घंटे काम का बिल पास, फिलहाल लागू होने पर रोक

तमिलनाडु की सरकार द्वारा 21 अप्रैल को विधानसभा में तमिलनाडु (तमिलनाडु संशोधन) 2023 विधेयक पेश किया गया था। इस विधेयक के द्वारा कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन होगा और 12 घंटे के कार्यदिवस का नि
बेलसोनिका मजदूरों का संघर्ष जारी

गुड़गांव/ अपने संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए बेलसोनिका यूनियन ने 8 अप्रैल को दिल्ली के जंतर मंतर में एक प्रेस वार्ता बुलाई। प्रेस वार्ता में शामिल हुए पत्रकारों और मजदूर संगठन की प्रतिनिध
पंतनगर विश्व विद्यालय का 13 अप्रैल 1978 गोली कांड

(13 अप्रैल 1978 का पंतनगर का गोलीकांड इस बात का गवाह है कि कैसे भारत के सार्वजनिक उपक्रमों में भी मजदूरों का निर्मम दमन-उत्पीड़न किया जाता था। कि आजाद भारत के शासक क्रूरता में ब्रिटिश हत्यारों से कह
26 मार्च - 8 घंटे की सामूहिक भूख हड़ताल

यह सामूहिक भूख हड़ताल मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड रद्द करने, ठेका प्रथा खत्म करने, खुली-छिपी छंटनी करना बंद करने, तीन बर्खास्त मजदूर साथियों को काम पर वापस लेने, तीन निलंबित यूनियन प्रतिनिधियों को तत्का
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों की हड़ताल

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर 16 मार्च से 72 घंटे की हड़ताल शुरू हुई। भाजपा सरकार मुकदमों, बर्खास्तगी का आतंक पैदा कर हड़ताल समाप्त करवाने में सफल रही है। हड़ताल से प
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अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।