विदेश

मई दिवस के शहीद और 8 घण्टे का कार्यदिवस

(मई 1886 में अमेरिका में काम के घण्टे 8 करने की हमारे पूर्वजों ने एक जंग छेड़ी थी। उनके संघर्ष के दम पर ही दुनिया भर के साथ भारत में भी 8 घण्टे के कार्यदिवस का अधिकार मजदूर वर्ग को मिला। पर बीते

फ्रांस के मजदूरों का बढ़ता संघर्ष

फ्रांस

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने मजदूरों की पेंशन में कटौती के अलावा सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 64 वर्ष कर दी है। यह उन्होंने संसद में पारित किये बगैर किया है। फ्रांसीसी सरकार के इस रवैये के विरुद्ध

इटली में फासीवादी हमले के खिलाफ प्रदर्शन

इटली के फ्लोरेंस में शनिवार 4 मार्च को एक जोरदार प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन उस फासीवादी हमले के खिलाफ था जो 18 फ़रवरी को फ्लोरेंस के एक हाईस्कूल में हुआ था। इस प्रदर्शन में युवा, अध्यापक और मज़दूर शाम

कम्यून की स्मृति में

.....न केवल फ्रांस में, बल्कि सारी दुनिया में सर्वहारा वर्ग पेरिस कम्यून के पुरुषों और कम्यून की विरासत क्या है?

कम्यून की उत्पत्ति

रूस-यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष : जगह-जगह युद्ध विरोधी प्रदर्शन

यूक्रेन पर हमले के 24 फरवरी 2023 को एक वर्ष पूरे हो गये हैं। एक वर्ष पूरे होने पर यूरोप के कई देशों में युद्ध के विरोध में प्रदर्शन हुए। एक वर्ष पूर्व 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था

यूरोप में हड़तालों का सिलसिला

एक बार फिर से यूरोप के देशों में हड़तालों का सिलसिला चल पड़ा है। दिसंबर का महीना हड़तालों और प्रदर्शनों का रहा। ब्रिटेन में तो हड़तालों का कैलेंडर नए साल के लिए भी जारी किया जा चुका है। जैसा कि पहले से

आलेख

अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।

किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं। 

आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
    

मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की

सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है