मजदूर संघर्ष

उच्च न्यायालय द्वारा ठेका मजदूरों को नियमित किए जाने का फैसला

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पंतनगर/ दिनांक 12 मार्च 2025 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के न्यायधीश रविन्द्र मैथानी की पीठ द्वारा पंतनगर विश्वविद्यालय में पिछले 15-20 वर्षों से

इंपीरियल ऑटो के मजदूरों को श्रम न्यायालय में मिली जीत

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इंपीरियल ऑटो इंडस्ट्रीज 21/1 प्लाट नंबर 1 मथुरा रोड सेक्टर 5 फरीदाबाद में स्थित है। इंपीरियल ऑटो इंडस्ट्रीज के दर्जनों से ज्यादा प्लांट फरीदाबाद व पूरे हरियाणा में स्थित

ग्रेट व्हाइट ग्लोबल कम्पनी के मजदूरों का संघर्ष

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हरिद्वार/ हरिद्वार के निकट लक्सर क्षेत्र में धनपुरा में 2004 से स्थापित ग्रेट व्हाइट ग्लोबल कम्पनी में इलेक्ट्रिक पार्ट्स का काम होता है। यहां 1700 मजदूरों में से 80 प्रतिशत महिलाए

टायर फैक्टरी में वेतन समझौते को लेकर कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना

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हरिद्वार/ यहां लक्सर क्षेत्र में जे के टायर ग्रुप की टायर फैक्टरी मौजूद है। यहां के मजदूर अपने हकों के लिए संघर्षरत हैं। हर 3 साल में यहां कर्मचारियों का

मारुति मजदूरों का प्रदर्शन

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नई दिल्ली/ 19 मार्च 2025 को मारुति सुजुकी के अस्थायी कर्मचारियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री कार्यालय में

सैमसंग मजदूरों की हड़ताल व सीटू का समझौतापरस्त नेतृत्व

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सैमसंग इंडिया के तमिलनाडु स्थित संयंत्र के संघर्षरत मजदूरों की एक महीने पुरानी हड़ताल बगैर किसी सम्मानजनक समझौते के समाप्त हो गयी है। दक्षिण कोरिया की इस बहुराष्ट्रीय कम्प

छंटनी के खिलाफ मजदूर संघर्षरत

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गुड़गांव/ बिलासपुर से तावड़ू रोड पर स्थित शंकाई प्रगति इण्डिया लिमिटेड के मजदूरों का धरना दिनांक 10 मार्च से चल रहा है। कम्पनी में लगभग 250 मजदूर काम कर रह

अवैध वसूली, निकाला-बैठाली, के खिलाफ सुरक्षा गार्डों का संघर्ष

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पंतनगर/ दिनांक 4 मार्च 2025 को विश्वविद्यालय पंतनगर में वर्षों से कार्यरत सैकड़ों सुरक्षा गार्डों द्वारा अवैध वसूली, निकाला-बैठाली, भेदभाव, उत्पीड़न के खिलाफ प्रशासनिक भवन पर विरोध प

जंगली जानवरों के आतंक के विरुद्ध संघर्ष

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रामनगर (नैनीताल)/ 2 फरवरी को संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आयोजित महापंचायत में जंगली जानवरों से सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले कार्बेट रिजर्व के अधिकारिय

आलेख

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अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह

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संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

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आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।