बेलसोनिका मजदूरों का समझौता संपन्न, पर छंटनी का खतरा बरकरार

गुड़गांव/ दिनांक 24 अक्टूबर 2024 को बेलसोनिका मजदूरों का सामूहिक मांग पत्र पर त्रिवार्षिक समझौता (01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2025 तक) नई यूनियन बेलसोनिका
गुड़गांव/ दिनांक 24 अक्टूबर 2024 को बेलसोनिका मजदूरों का सामूहिक मांग पत्र पर त्रिवार्षिक समझौता (01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2025 तक) नई यूनियन बेलसोनिका
दिल्ली/ प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र द्वारा महिला-मजदूरों पर बढ़ते शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ 10 नवंबर 2024, रविवार, को देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन आयोज
फरीदाबाद/ 30 अक्टूबर की देर रात 2ः00 बजे से 17 वर्षीय किशोरी एसी नगर झुग्गी मजदूर बस्ती फरीदाबाद से संदिग्ध हालत में घर से लापता हो गई थी। परिवारजनों द्व
रामनगर/ दिनांक 8 नवम्बर 24 को गोविन्द देवी इंटर कालेज, बैलपोखरा कोटाबाग नैनीताल की प्रभारी प्रधानाचार्य श्रीमती इंदिरा जोशी ने 2 भोजनमाताओं को स्कूल से न
भाजपा सरकार द्वारा पूछडी, रामनगर (उत्तराखंड) के निवासियों को उजाड़े जाने की कोशिशों के विरुद्ध संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में विगत ढाई-तीन माह से जारी आंदोलन के क्रम
पंतनगर/ 24 अक्टूबर 2024 को ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन भेजकर पंतनगर में कार्यरत ठेका मजदूरों को श्रम निय
गिग एंड प्लेटफार्म सर्विसेज वर्कर्स यूनियन (GIPSWU) ने गिग वर्कर्स से अपील की है कि वे दीपावली पर अपने फोन बंद कर दें और ‘डिजिटल साइलेंस’ पर चले जाएं।
सऊदी अरब ‘‘नियोम सिटी प्रोजेक्ट’’ पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य देश में एक अभिनव शहरी क्षेत्र बनाना है। प्रमुख परियोजना के निर्माण के लिए श्रमिकों को कानूनी सीमाओं से
सेवा में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, नई दिल्ली, भारत
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।