मजदूर संघर्ष

मारुति सुजुकी के निष्कासित मजदूरों का अनिश्चितकालीन धरना

/maruti-sujuki-ke-nishkaashit-majadooron-kaa-anishchitkaaleen-dharana

मानेसर/ मारुति सुजुकी द्वारा निकाले गए मजदूरों ने अपना आंदोलन एक बार फिर तेज कर दिया है। मारुति सुजुकी स्ट्रगल कमेटी के नेतृत्व में निकाले गए मजदूरों ने 18 सितंबर से माने

टालब्रोस आटोमोटिव कम्पोनेंट लिमिटेड में मजदूरों का शोषण

/taalbros-automotiv-component-limited-mein-majadooron-kaa-shoshan

फरीदाबाद/ टालब्रोस ऑटोमोटिव कम्पोनेंट लिमिटेड, 14/1, मथुरा रोड, फरीदाबाद, 121003, हरियाणा में स्थित है। यह कम्पनी मारुति सुजुकी, हीरो होंडा, रेंज रोवर, ह

बोइंग कम्पनी के 30,000 मजदूरों की हड़ताल जारी

/boing-company-ke-30,000-majadooron-ki-hadataal-jaari

अमेरिका की विमान बनाने वाली कम्पनी बोइंग के 30,000 मजदूर 14 सितम्बर से हड़ताल पर हैं। ये मजदूर अपने वेतन में वृद्धि, पेंशन आदि की मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल की

दलित उत्पीड़न-महिला हिंसा के विरोध में प्रदर्शन-ज्ञापन

/dalit-utpidan-mahila-hinsaa-ke-virodha-mein-pradarshan-gyapan

मऊ/ बिहार के नवादा जिले की कृष्णानगर दलित बस्ती को पूरी तरह फूंक दिए जाने के खिलाफ, उड़ीसा में पुलिस थाने में ब्रिगेडियर की लड़की के साथ किए गए जघन्य व अमा

वसीम हत्याकांड की न्यायिक जांच को लेकर प्रदर्शन व ज्ञापन

/vaseem-hatyaakaand-ki-nyaayik-jaanch-ko-lekar-pradarshan-v-gyapan

हरिद्वार/ दिनांक 23 सितंबर को हरिद्वार में वसीम हत्याकांड के विरोध में एक प्रदर्शन कर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी हरिद्वार के माध्यम से ज्ञापन

नये लेबर कोड्स के विरोध में प्रदर्शन : कानूनों की प्रतियां जलाई गईं

/naye-labour-code-ke-virodh-mein-pradarshan-kaanoonon-ki-pratiyaan-jalaai-gayin

मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) एवं केंद्रीय ट्रेड यूनियन फेडरेशनों के आह्वान पर मजदूरों ने 23 सितम्बर को काला दिवस के रूप में मनाया और मजदूर विरोधी नये लेबर कोड्स को र

भोजनमाताओं का अपनी मांगों के लिए जुलूस-प्रदर्शन

/mid-day-meal-workers-kaa-apani-maangon-kae-liye-jaloos-pradarshan

हल्द्वानी/  29 सितम्बर को प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, उत्तराखंड, नैनीताल ने भोजनमाताओं की मांगों को पूरा न किए जाने के विरोध में हल्द्वानी में सभा व जुलूस

हिटैची कम्पनी ने ठेका मजदूरों को दिखाया बाहर का रास्ता

/hitachi-company-ne-contract-workers-ko-dikhaya-baahar-kaa-raasta

मानेसर/ आई एम टी मानेसर में स्थित हिटैची कम्पनी के ठेका मजदूरों ने 2023 में अपनी मांगों को लेकर दो बार हड़ताल की थी। पहली हड़ताल मई माह में 24 घंटे की और द

सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स के मजदूरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

/samsung-elecatronics-ke-majadooron-ki-anishchitkaaleenn-hadataal

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के निकट श्रीपेरम्दुर में स्थित सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स के करीब 1500 स्थायी मजदूर 9 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ये मजदूर वेतन वृद्धि, यू

आलेख

/ameriki-dhamakiyon-ke-sath-iran-amerika-varta

अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह

/modi-sarakar-waqf-aur-waqf-adhiniyam

संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

/china-banam-india-capitalist-dovelopment

आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

/amerika-aur-russia-ke-beech-yukrain-ki-bandarbaant

अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।