23 मार्च : भगतसिंह-सुखदेव-राजगुरू-पाश की शहादत दिवस पर पाश की एक कविता

मैं पूछता हूं आसमान में उड़ते हुए सूरज से -पाश
मैं पूछता हूं आसमान में उड़ते हुए सूरज से -पाश
मुझे संरक्षण नहीं चाहिए
न पिता का
न भाई का
न माँ का
जो संरक्षण देते हुए
मुझे कुएँ में धकेलते हैं
और मेरे रोने पर तसल्ली देने आते हैं
होलोकास्ट झेल कर बच निकले लोगों
मुझसे बात करो
मैं समझना चाहता हूं
कि तुम्हारे नाम पर यह सब
जो किया जा रहा है
उसके पीछे क्या तुम खड़े हो?
मुझे लगता था
लोहे के पैरों में भारी बूट
कंधों से लटकती बंदूक
कानून अपना रास्ता पकड़ेगा
हथकड़ियां डाल कर हाथों में
तमाम ताकत से उन्हें
जेलों की ओर खींचता हुआ
1.
जिस दिन लेनिन नहीं रहे
कहते हैं, शव की निगरानी में तैनात एक सैनिक ने
अपने साथियों को बतायाः मैं
यक़ीन नहीं करना चाहता था इस पर।
देश में
देशभक्तों की
बहुत कमी है
कमल छाप छोड़
अब कौन है
जो देश में
देशभक्त है
जला डालो हमारे खेत खलिहान
जला डालो हमारे सपने
छिड़क दो तेजाब हमारे गीतों पर
कत्ल किए गये हमारे लोगों के
लहू के ऊपर चाहे तो फैला दो
बुरादों की मोटी परत
जब जंगी जहाज ओझल हो जाते हैं, फाख्ता उड़ती हैं
उजली, उजली आसमान के गालों को पोंछते हुए
अपने आजाद डैनों से, वापस हासिल करते हुए वैभव और प्रभुसत्ता
अमरीकी सरगना ट्रम्प लगातार ईरान को धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। ईरान की हुकूमत का कहना है कि वह
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।