मई दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

एक मईः अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस- मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है, जो कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन शिकागो के अमर शहीदों -अल्बर्ट पार्सन्स, आगस्त स्पाइस, एडोल्फ फिशर और जार्ज एंजिल- जिन्होंने ‘‘आठ घंटे काम के, आठ घंटे आराम के और आठ घंटे मनोरंजन के’’ का नारा बुलंद किया था, को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह वह दिन है जबकि मजदूर अतीत के अपने महान आंदोलनों और क्रांतियों के सबक याद करते हुये क्रांतिकारी आंदोलन को तेज करने और पूंजीवादी गुलामी की बेड़ियों को तोड़ डालने का संकल्प लेते हैं। इस दिन जब दुनिया के सभी देशों में मजदूर लाल झंडे लहराते हुये और अपनी तनी मुट्ठियों के साथ इंकलाब जिंदाबाद और दुनिया के मजदूरो, एक हो के नारे बुलंद करते हुये सड़कों पर मार्च करते हैं तो हमेशा की तरह आज भी इस विशाल क्रांतिकारी वर्ग को देखकर पूंजीवादी शासकों की रूहें कांप जाती हैं।
    

हमारे देश में भी हमेशा की तरह इस वर्ष भी मई दिवस जोशो-खरोश के साथ मनाया गया और विभिन्न जगहों पर जुलूस, रैली, सभा और प्रभात फेरी जैसे अनेकों कार्यक्रम कर मई दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की।
    

इस मौके पर इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में संयुक्त रूप से एक सभा का आयोजन किया और आज देश दुनिया में मजदूरों के कठिन हालातों और जारी संघर्षों पर विस्तार से बात की। सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज पूरी दुनिया में साम्राज्यवादी और पूंजीवादी शासक उदारीकरण-निजीकरण-वैश्वीकरण की नीतियों के साथ मजदूर-मेहनतकश आवाम पर हमलावर हैं और जिसका लगातार प्रतिरोध भी हो रहा है। पिछले दिनों फ्रांस में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने और पेंशन कटौती के विरोध में लाखों-लाख मजदूर सड़कों पर उतर आये और उनका संघर्ष अभी भी जारी है।
    

फरीदाबाद में इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा औद्योगिक क्षेत्र (सेक्टर-24) के पंजाब रोलिंग चौक पर मई दिवस की सभा की गई। सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज हमारे देश के ज्यादातर मजदूरों को इतना कम वेतन मिलता है कि वे जिन्दा रहने के लिये 12 घंटे या उससे भी अधिक काम करने के लिये मजबूर हैं। ऐसे में आठ घंटे कार्य दिवस का कानूनी अधिकार व्यवहार में उनसे छीना जा चुका है। इतना ही नहीं मोदी सरकार अब चार लेबर कोड्स द्वारा इसे कानूनी तौर पर भी खत्म कर देना चाहती है।
    

गुड़गांव और मानेसर में इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा प्रभात फेरियां निकालकर मई दिवस के अमर शहीदों को याद किया गया। गुड़गांव में जहां सी आर पी एफ कैंप चौक से रोडवेज तक वहीं मानेसर में काकरोला-भांगरोला गांव में क्रांतिकारी गीतों एवं नारों के साथ प्रभात फेरी निकाली गई।
    

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर बेलसोनिका के मजदूर परिवारों ने 1 मई 2023 को प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के साथ मिलकर मजदूर दिवस के अमर शहीदों को याद करते हुए डीसी कार्यालय (गुड़गांव) के सामने महिला व बाल सभा का आयोजन किया। सभा की शुरुआत क्रांतिकारी गीत से की गई। इस कार्यक्रम में बेलसोनिका के मजदूरों के परिवार, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, इंकलाबी मजदूर केंद्र ने भाग लिया।
    

हरिद्वार में मई दिवस की पूर्व संध्या पर मई दिवस आयोजन समिति के बैनर तले एक मजदूर सभा का आयोजन किया गया। इसके अलावा मई दिवस पर एक प्रदर्शन आयोजित कर अपनी मांगों से सम्बंधित एक ज्ञापन राष्ट्रपति को प्रेषित किया। ज्ञापन में मई दिवस पर सार्वजानिक अवकाश घोषित करने, मजदूर विरोधी लेबर कोड्स को वापस लेने, न्यूनतम वेतन 25,000 रु प्रतिमाह घोषित करने, सार्वजानिक उपक्रमों को बेचना बंद करने, महिलाओं से रात की पाली में काम कराने का कानून रद्द करने, ठेका प्रथा पर रोक लगाने, भोजनमाताओं, आशा वर्कर एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्थायी करने इत्यादि मांगें की गईं।   
    

मजदूर सभा एवं प्रदर्शन-ज्ञापन कार्यक्रम में म्युनिसिपल बोर्ड कर्मचारी यूनियन, हिंद मजदूर सभा, अखिल भारतीय सफाई कांग्रेस, इंकलाबी मजदूर केंद्र, सीमेंस वर्कर यूनियन, देवभूमि श्रमिक संगठन (हिंदुस्तान यूनिलीवर), राजा बिस्किट मजदूर संगठन, फ़ूड्स श्रमिक यूनियन (आई टी सी), भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, इंटक, कर्मचारी संघ सत्यम ऑटो, एवरेडी मजदूर कमेटी, प्रगतिशील भोजन माता संगठन, यूरो लाइफ मजदूर संगठन, एवरेस्ट इंडस्ट्रीज मजदूर यूनियन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र एवं परिवर्तनकामी छात्र संगठन इत्यादि के प्रतिनिधियों एवं मजदूरों, छात्रों, वकीलों इत्यादि ने बढ़-चढ़ कर भागीदारी की।
    

इसके अलावा हरिद्वार में ही एवरेस्ट कंपनी के गेट पर यूनियन द्वारा झंडारोहण कर मई दिवस के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
    

रामनगर में मई दिवस आयोजन समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों के लोग नगरपालिका प्रांगण में एकत्रित हुये और फिर क्रांतिकारी नारों के साथ नगर में जुलूस निकालते हुये शहीद पार्क पहुंचे। शहीद पार्क में हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि मई दिवस आठ घंटे कार्य दिवस के संघर्ष को याद करने साथ पेरिस कम्यून, रूस की महान अक्टूबर क्रांति, राष्ट्रीय मुक्ति संघर्षों में मजदूर वर्ग की भूमिका एवं दूसरे विश्व युद्ध में समाजवादी सोवियत के हाथों नाजीवादी हिटलर की पराजय को भी याद करने का दिन है।
    

जुलूस एवं सभा में इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, समाजवादी लोक मंच, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, परिवर्तनकामी छात्र संगठन एवं कर्मचारी-शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
    

इसके अलावा एक मई की सुबह समाजवादी लोक मंच ने अपने कार्यालय पर झंडारोहण कर मई दिवस के अमर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
    

काशीपुर में इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा बंगाली कालोनी में आयोजित मई दिवस की सभा में स्थानीय भाजपाई पार्षद ने व्यवधान डाला। मौके पर पहुंची पुलिस ने भी मजदूर विरोधी रुख ही अख्तियार किया और मई दिवस की सभा नहीं होने दी जिसके विरोध में इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के कार्यकर्ता आवास विकास में एकत्रित हुये और उन्होंने थाना प्रभारी का पुतला फूंक कर अपना विरोध प्रदर्शित किया।
    

इस दौरान इंकलाबी मजदूर केंद्र के इकाई सचिव ने कहा कि मई दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है और भारत में भी विगत 100 वर्षों से मई दिवस मनाया जा रहा है। लेकिन काशीपुर में एक भाजपाई पार्षद के कहने पर पुलिस ने जिस तरह से मई दिवस की सभा नहीं होने दी यह मजदूर अधिकारों और संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
    

इससे पूर्व 30 अप्रैल को मई दिवस के पूर्व जसपुर और गढ़ी नेगी में जुलूस निकाला गया और सभा की गई। इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में भोजनमाताओं ने भी भागीदारी की।
    

रुद्रपुर में मई दिवस के अवसर पर श्रमिक संयुक्त मोर्चा, सिडकुल (पंतनगर-रुद्रपुर) के बैनर तले विभिन्न फैक्टरी यूनियनों, मजदूर एवं सामाजिक संगठनों ने अम्बेडकर पार्क में सभा आयोजित की और फिर नगर में जुलूस निकला। सभा में वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पारित नये लेबर कोड्स में आठ घंटे कार्य दिवस के कानूनी अधिकार पर भारी हमले किये गये हैं। इन्हीं कोड्स की रोशनी में हाल ही में कर्नाटक सरकार ने मजदूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर बारह कर दिये और महिला मजदूरों से रात की पाली में भी काम लेने का अधिकारrudrapur पूंजीपतियों को सौंप दिया है। इसी तरह तमिलनाडु सरकार ने भी काम के घंटे आठ से बढाकर बारह करने की घोषणा कर दी लेकिन फिर भारी विरोध के कारण फिलहाल इसे टाल दिया। वक्ताओं ने कहा कि मजदूरों की बात आने पर कांग्रेस हो या भाजपा या दूसरी चुनावबाज पार्टियां सभी एक हो जाती हैं। 
    

सभा एवं जुलूस में इंकलाबी मजदूर केंद्र, मजदूर सहयोग केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, मासा, सी पी आई, राना मद्रास एम्प्लायज यूनियन, भगवती श्रमिक संगठन, इंटरार्क मजदूर संगठन, राकेट रिद्धि सिद्धि कर्मकार यूनियन, ऑटोलाइन एम्प्लायज यूनियन, पी डी पी एल मजदूर यूनियन, यजाकि वर्कर्स यूनियन, बजाज मोटर कर्मकार यूनियन, मंत्री मेटेलिक्स यूनियन, करोलिया लाइटिंग एम्प्लायज यूनियन, सी एन जी टेम्पो यूनियन, समता सैनिक दल, थाई सुमित नील ऑटो यूनियन, टाटा ऑटो काम यूनियन, नेस्ले कर्मचारी संगठन, सन्सेरा कर्मचारी यूनियन, बडवे मजदूर संगठन, वोल्टास एम्प्लॉयज यूनियन इत्यादि के प्रतिनिधियों एवं बड़ी संख्या में मजदूरों ने शिरकत की।
    

इसके अलावा रुद्रपुर में ही मई दिवस पर इंटरार्क मजदूरों के परिवार की महिलाओं ने इंटरार्क प्रबंधन द्वारा 15 दिसम्बर, 2022 के समझौते के उल्लंघन के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जारी किया।
    

पंतनगर में इंकलाबी मजदूर केंद्र और ठेका मजदूर कल्याण समिति ने विभिन्न कालोनियों और मजदूर बस्तियों में जुलूस निकाला और शहीद स्मारक पर सभा की। सभा में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी भागीदारी की।
    

सभा में वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार कारपोरेट पूंजीपतियों के हितों में एकदम नंगे होकर काम कर रही है और लोगों को धार्मिक-साम्प्रदायिक आधार पर बांटकर और अंधराष्ट्रवादी उन्माद फैलाकर अपनी फासीवादी राजनीति को आगे बढ़ा रही है जिसके विरोध में मजदूर वर्ग को एकजुट होना ही होगा।
    

हल्द्वानी में मई दिवस आयोजन संयुक्त समिति ने मई दिवस के शहीदों को याद करते हुए रोडवेज परिसर में एक सभा का आयोजन किया।
    

सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार मजदूर वर्ग सहित समाज के सभी वर्गों पर हमलावर है। शिक्षा लगातार महंगी हो रही है और बेरोजगारी व महंगाई आसमान छू रही है। नागरिक अधिकारों पर हमले हो रहे हैं। मजदूर-मेहनतकश जनता को इसके विरुद्ध एकजुट होना होगा। 
    

कार्यक्रम में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, ऐक्टू, भाकपा माले, जनवादी लोक मंच, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, सनसेरा श्रमिक संगठन  प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, आशा वर्कर यूनियन, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, परिवर्तनकामी छात्र संगठन एवं समता सैनिक दल के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
    

लालकुआं में मई दिवस के अवसर पर इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने संयुक्त रूप से एक परिचर्चा का आयोजन किया।
    

बरेली में मजदूर दिवस की पूर्व संध्या पर इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा औद्योगिक क्षेत्र परसाखेड़ा में जुलूस निकाला गया और नुक्कड़ सभा कर मई दिवस की गौरवशाली परंपरा से मजदूरों को परिचित कराया। गौरतलब है कि परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादातर फैक्टरियों में 12 घंटे का कार्य दिवस है लेकिन वेतन मात्र छः-सात हजार रु. है जबकि महिला मजदूरों को इतना भी नहीं मिलता है।
    

बरेली में ही इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा मई दिवस के दिन सेठ दामोदर दास पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा में परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच के कार्यकर्ताओं ने भी भागीदारी की। सभा में शिकागो के शहीदों की याद में क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किये गये एवं वर्गीय आधार पर एकजुट होने का आह्वान किया गया।
    

बदायूं में मई दिवस आयोजन समिति के बैनर तले एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें बिजली विभाग के संविदाकर्मी, रसोइयाकर्मी, विभिन्न विभागों के मजदूर और एटक तथा क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के साथियों ने भागीदारी की।
    

मऊ में शिकागो के शहीदों को याद करते हुये इंकलाबी मजदूर केंद्र व ग्रामीण मजदूर यूनियन ने जुलूस निकाला। जुलूस में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और एम सी पी आई ने भी भागीदारी की। इस मौके पर हुई सभा में वक्ताओं ने मजदूर आंदोलन को क्रांतिकारी दिशा देने और पूंजीवाद-साम्राज्यवाद व फासीवाद के विरुद्ध लड़ाई को तेज करने पर जोर दिया। 
    

बलिया जिले की रसड़ा तहसील में इंकलाबी मजदूर केंद्र, ग्रामीण मजदूर यूनियन और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने जुलूस निकाला और नुक्कड़ सभा कर मई दिवस की क्रांतिकारी विरासत से लोगों को परिचित कराया।     -विशेष संवाददाता
 

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